नमक जरूरी पर जानलेवा भी : हेल्दी नमक का फॉर्मूला- सोडियम कम, पोटैशियम ज्यादा, अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की स्टडी जिंदगी में नमक होना अच्छी और जरूरी बात है, लेकिन यही अगर जरूरत से ज्यादा हो जाए तो खतरनाक भी हो सकता है।
पिछले दो दशकों से नमक की मात्रा को लेकर अलग-अलग संस्थाएं लोगों को सचेत कर रही हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार दुनिया में औसतन लोग प्रतिदिन 10.8 ग्राम नमक खा रहे हैं, जो शरीर की जरूरत के दुगुने से भी ज्यादा है।
ICMR (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद) की एक रिपोर्ट के मुताबिक एक औसत भारतीय WHO और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा सुझाई गई मात्रा से ज्यादा नमक का सेवन कर रहा है। भारतीय प्रतिदिन 8 ग्राम नमक खा रहे हैं, जबकि WHO सिर्फ 5 ग्राम नमक खाने की सलाह देता है।
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन ने हाल ही में नमक को लेकर एक महत्वपूर्ण स्टडी की है, जो भारत, अमेरिका, ऑस्टेलिया, जापान, साउथ अफ्रीका के रिसर्चर्स का एक संयुक्त अध्ययन है। करीब 10 साल तक चली इस स्टडी में शोधकर्ताओं ने पाया कि यदि नमक में सोडियम क्लोराइड की मात्रा कम करके पोटैशियम क्लोराइड की मात्रा बढ़ा दी जाए तो नमक से होने वाली बीमारियों के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
इसलिए आज हम बात करेंगे नमक की और जानेंगे कि - नमक में पाया जाने वाला सोडियम और पोटैशियम क्या है। यह शरीर को कैसे प्रभावित करता है।
शरीर में सोडियम या पोटैशियम कम-ज्यादा होने के संकेत और नुकसान क्या हैं।
vनमक में सोडियम और पोटैशियम दोनों तत्व
ज्यादातर नमक दो प्रकार का होता है, साधारण नमक और सेंधा नमक। साधारण नमक में सोडियम की मात्रा ज्यादा होती है। यह बॉडी को हाइड्रेट रखने में मदद करता है। वहीं सेंधा नमक में पोटैशियम की मात्रा ज्यादा होती है। इससे ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। साथ ही सेंधा नमक से इम्यूनिटी बूस्ट होती है।
लेकिन ध्यान रहे कि खाने में नमक एक मात्रा तक ही सही है। अगर आप एक दिन में 2300 मिलीग्राम यानी कि एक चम्मच से ज्यादा नमक ले रहे रहे हैं तो यह शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है।
vशरीर के लिए सोडियम क्यों जरूरी
vशरीर में कितना सोडियम होना जरूरी
इन कारणों से कम हो सकता है शरीर में सोडियम :-
अगर किसी भी वजह से शरीर में पानी का बैंलेस बिगड़ता है तो सोडियम की कमी हो सकती है। आमतौर पर उल्टी, डायरिया या लंबे समय तक भूखे रहने से शरीर में सोडियम इनटेक कम हो जाता है। डायबिटीज, थाइराइड या दिल से जुड़ी बीमारियों की वजह से भी सोडियम की कमी हो सकती है।
सोडियम की कमी को मुख्य रूप से तीन श्रेणियों में बांटा जाता है-
हाइपरवॉलेमिक (hypervolemic) - जब शरीर में पानी ज्यादा हो, जिसकी वजह से सोडियम कम हो।
यूवोलेमिक (euvolemic) - जब शरीर में पानी नॉर्मल हो और सिर्फ सोडियम कम हो।
हाइपोवॉलेमिक (hypovolemic) - जब शरीर में पानी और सोडियम दोनों ही कम हो।
सोडियम की कमी को कैसे पूरा करें
पोटैशियम क्या है
पोटैशियम भी सोडियम की तरह एक इलेक्ट्रोलाइट है, जो शरीर की मांसपेशियों और हार्ट के लिए बहुत जरूरी है। पोटैशियम का कम होना या ज्यादा होना दोनों ही सही नहीं है। पोटैशियम की नॉर्मल वैल्यू 3.5 से 5.5 मिलीमोल प्रति लीटर होती है।
पोटैशियम दो तरह का होता है-
लो पोटैशियम या हाईपोकैलिमिया
हाई पोटैशियम या हाइपरकैलिमिया
लो पोटैशियम - शरीर में पोटैशियम की मात्रा कम होने पर यूरिन में से शरीर को एक सिग्नल मिलता है। पोटैशियम लो होने पर थकान, कब्ज, मसल्स में दर्द जैसी शुरूआती समस्याएं हो सकती हैं। जब पोटैशियम का स्तर ज्यादा लो हो जाता है तो हार्ट रेट में असामान्य बदलाव आता है, इसे ‘एरिथमिया’ कहा जाता है। इसमें दिल की धड़कन कम हो जाती है। दोनों ही स्थितियां खतरनाक हैं।
किन वजहों से होती शरीर में पोटैशियम की कमी
शरीर में पोटैशियम की कमी दो वजहों से होती है-
जब डाइट में बहुत कम पोटैशियम लिया गया हो।
जब किसी कारण से शरीर पोटैशियम को एब्जॉर्व न कर पा रहा हो। यानी आप भोजन में ग्रहण तो कर रहे हैं, लेकिन वह शरीर में लग नहीं रहा है।
पोटैशियम की कमी दूर करने के लिए खाएं ये फूड
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